मोअल्लिम-ए-उर्दू वालों को मिल सकती है सौगात
वर्ष
1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को उर्दू शिक्षक बनाने की
राह आसान करने के लिए परिषदीय स्कूलों में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति के
लिए अनिवार्य भाषा परीक्षा को समाप्त करने की मंशा है। इस मंशा को अमली
जामा पहनाने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली की धारा-17
को खत्म करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को सोमवार को होने वाली कैबिनेट
की बैठक में मंजूरी मिल सकती है।
1997 से पहले के मोअल्लिम-ए-उर्दू
उपाधिधारक परिषदीय स्कूलों में खुद को उर्दू शिक्षक नियुक्त करने के लिए
टीईटी से छूट दिये जाने की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए
नियमों के तहत राज्य सरकार के लिए उन्हें टीईटी से छूट दे पाना संभव नहीं
है। मोअल्लिम-ए-उर्दू उपाधिधारकों को उर्दू शिक्षक नियुक्त करने का रास्ता
निकालने के लिए उन्हें टीईटी में जहां विज्ञान और गणित के प्रश्नों से
निजात देने की मंशा है।
Source:dainik jagran
उर्दू वालो से वोट तुरंत चाहिए , लेकिन नोकरी दो सरकारे बनने के बाद भी नहीं ?????
ReplyDeleteउर्दू बालो ने पहले BSP को सर पर बिठाया
आज SP को बिठाये है इस बार जो उर्दू मुअल्लिम को जो नोकरी देगा बो ही वोट लेगा