मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए उ.प्र. अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक के पद पर ही समायोजित किया जाएगा।उन्होंने कहा, कैबिनेट में मंजूर की गई संशोधित नियमावली में शिक्षा मित्रों को दो साल की ट्रेनिंग के बाद सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए जाने का प्रावधान किया गया है।
बताते चलें कि पिछले साल नवंबर से ही शिक्षा मित्र अपने समायोजन की मांग कर रहे थे। अब चूंकि चुनाव होने में बस कुछ ही दिन रह गए हैं ऐसे में सरकार किसी तरह की गलती नहीं करना चाहती है।
ग्रेजुएट नहीं तो करना होगा इंतजार
समायोजन के लिए तैयार कराई गई नियमावली में शिक्षा
मित्र से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन की योग्यता स्नातक तय की गई है।
बहुत से शिक्षा मित्र इंटर पास ही हैं।
स्नातक होने के बाद ही पे शिक्षक बन
पाएंगे इसलिए आयुसीमा 60 वर्ष रखी गई है। तीसरे चरण में जिन 46 हजार
शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग होनी है उनमें ज्यादातर इंटर पास हैं।
news source:dainik jagran
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