टीईटी मामले को लेकर दाखिल विशेष अपीलों की सुनवाई सोमवार को नहीं हो सकी। अदालत ने इसे अगले हफ्ते सूची बद्ध करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुशील हरकौली और न्यायमूर्ति नाहिद आरा मूनीस की खंडपीठ कर रही है। इसमें यह तय किया जाना है कि शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मेरिट शैक्षिक अंकों के आधार पर होगी या टीईटी के अंकों के आधार पर या फिर दोनों के अंकों के आधार पर तैयार की जाएगी। कुछ अपीलों में अन्य मुद्दे भी उठाए गए हैं
उत्तर प्रदेश में 72 हजार प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती का मामला अभी सुलटता नजर नहीं आ रहा था। लाखों अभ्यर्थियों को उम्मीद लगी हुई थी कि 1 जुलाई को टीईटी अथवा एकेडमिक मैरिट का विवाद सुलट कर आगे की कार्यवाही शुरू हो जायेगी। लेकिन सूत्रों के मुताबिक हाईकोर्ट ने अब आगे की तारीख 8 जुलाई की दी है।
विदित हो कि मायावती शासित बसपा सरकार में शुरू की गयी 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती को लगभग दो वर्ष बीत चुके हैं। इस दौरान अभ्यर्थियों ने हजारों रुपये पानी की तरह बहा दिये। भर्ती की पूर्ण संभावना के चलते कई कई जनपदों में अभ्यर्थियों ने आवेदन किये। लेकिन उनके अरमानों पर हर बार पानी फिरता रहा। समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया ही दोबारा शुरू की गयी। लेकिन दोबारा भी भर्ती प्रक्रिया हाईकोर्ट में फंस गयी और अभ्यर्थी अपना सा मुहं लिए फिर कोर्ट की तरफ टकटकी लगाकर बैठे हैं।
1 जुलाई को टीईटी और एकेडिमिक मैरिट को लेकर सुनवाई होनी थी। लेकिन हाईकोर्ट में इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गयी है। जिससे एक बार फिर लाखों अभ्यर्थियों के इंतजार की घड़ी आगे बढ़ गयी। हाईकोर्ट में अब इसकी सुनवाई 8 जुलाई को की जायेगी। फिलहाल टीईटी भर्ती अभी विवादों के घेरे से निकलती दिखायी नहीं दे रही है
news source:amar ujala news paper
S.p goverment full plain vacancy could not vacant because goverment completely death
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