उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 हजार सिपाहियों की भर्ती के लिए उन आवेदकों को आयु सीमा में छूट देने का फैसला किया है, जिन्होंने इस परीक्षा के लिए वर्ष 2011 में आवेदन किया था।
मंत्रिपरिषद ने इसके लिए उत्तर प्रदेश नागरिक पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2013 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट ने पूर्ववर्ती बसपा सरकार में रद की गई सिपाही भर्ती प्रक्रिया को न केवल बहाल कर दिया है बल्कि उस समय आवेदन कर चुके सभी अभ्यर्थियों लगभग 15 लाख को बगैर फीस के दोबारा आवेदन का मौका रहेगा। यहां तक उस वक्त के जो अभ्यर्थी अब ‘ओवर ऐज’ हो चुके हैं, उन्हें भी आवेदन करने का मौका दे दिया गया है। इसके लिए मंत्रिपरिषद ने नागरिक पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली, 2013 में चौथे संशोधन को मंजूरी दे दी है। साल 2011 में लगभग 40 हजार सिपाहियों के पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी थी।
सिपाही भर्ती को लेकर कई बार प्रस्ताव भी बने पर उन पर अमल नहीं हो सका थ। अब इस प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा रहा है और 30 हजार पदों पर पहले चरण में भर्ती की जा रही है।
चूंकि, जिन्होंने 2011 में आवेदन किया था, उनमें से कई परीक्षा न होने की दशा में अधिकतम आयु सीमा से आगे हो गए थे, लिहाजा उन्हें अब इस पद पर नौकरी हासिल करने के लिए कोई मौका नहीं रह गया था।
लेकिन मंत्रिपरिषद के इस फैसले के बाद अब ऐसे सभी अभ्यर्थियों, जिनकी आयु सीमा से अधिक हो गई थी, वह भी इस परीक्षा के लिए अहर्ता हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक 30 हजार पदों के लिए सभी अभ्यर्थियों को नए सिरे से आवेदन करना होगा। इनमें वह भी शामिल हैं, जिन्होंने पूर्व में आवेदन किया था।
source:dainik jagran news paper
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