बेसिक शिक्षा परिषद अब हर साल प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करेगी। इसमें सर्वाधिक मौका दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षितों को मिलेगा। अधिक सीटें खाली होने पर ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से अनुमति लेकर बीएड वालों को मौका दिया जाएगा। शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने से पहले टीईटी पास करना जरूरी है। प्राइमरी स्कूलों में बीटीसी प्रशिक्षितों को सर्वाधिक मौका देने के लिए निजी बीटीसी कॉलेजों में सीटें बढ़ाने का फैसला किया गया है।
बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक रखने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। प्रदेश में नियमित बीटीसी कोर्स न होने और सीटें कम होने की वजह से बीएड वालों को छह माह का विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाया जाता रहा है। एनसीटीई ने प्राइमरी स्कूलों में बीएड वालों को विशिष्ट बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाने के लिए 31 मार्च 2014 तक ही अनुमति दे रखी है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि बीटीसी की इतनी सीटें हो जाएं कि बीएड वालों को प्राइमरी स्कूलों में रखने की जरूरत ही न पड़े।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) इसके आधार पर ही बीटीसी की सीटें बढ़ा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में मौजूदा समय 10,400 और 97 निजी बीटीसी कॉलेजों में 4850 सीटें थीं। निजी कॉलेजों में सीटें बढ़ाने के लिए 216 और कॉलेजों को संबद्धता दी गई है। इन कॉलेजों में 10,800 सीटें बढ़ जाएंगी। इस हिसाब से प्रदेश में बीटीसी की 26,050 सीटें हो जाएंगी।
Source:amar ujala
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